Saturday, June 29, 2013

बारिश

बंद खिड़की पर
बाहर से पड़ती
बारिश
जब शीशे को
ज़ोर ज़ोर से धोती है,
अंदर
सूने
बंद कमरे में
अकेले
सूखे
बैठे मुझको
यादों से भिगोती है.