108 नहीं ताँ 4 पैराँ दी एम्बुलेंस ही सही शमशान दे आख़िरी अस्पताल तइँ,
दो मेरे मोडे ते दो क़िस्मत दे सीने,
ऐ वतन मेरे देशवासियाँ नूँ कुज ना कहीं!
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