Wednesday, September 14, 2016

शब्द

यूँ तो
दूर हूँ आप से,
करीब तीन सौ बरस,

शब्द आपके
गूँजते हैं जब
वजूद में मेरे
बारम्बार झाँकता हूँ भीतर
मिलने को तरस।

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