आपको खून से लिखा भेजेंगे दावतनामा जब आपको हम ख़ुद बुलायेंगे,
इसे पैग़ाम ए जार* समझिये, क़यामत को कौन समझाये हमारे दोस्त हमारे कहे बिन न आयेंगे।
*जार=पड़ोसी
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