शुक्र है आपके दृष्टिकोण से ये बस पीठ किया टाँगें पसारा मुँह फुलाया नौ ही था,
आप पर तपाक उंगली उठाये मेरे दृष्टिकोण के थुलथुल छः नें तो अनबन की छोड़ी ही न थी कोई कसर।
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