साँसों की तितलियाँ
Saturday, October 29, 2016
दुआ
दिली ख़्वाहिश है
ज़माने की
कि वहाँ पहुँचे
जहाँ जाता है!
कोई बदल दे
जहन्नुम को
जन्नत में
दुआ है मेरी!
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