साँसों की तितलियाँ
Tuesday, November 1, 2016
सौरमण्डल
एक पूरा सौरमण्डल था
तिड़ तिड़ जलता
उस लौ में,
एक मैं
बाहर था
देखता,
एक सूक्ष्म
कहीं भीतर
तपता।
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