उसकी अदृश्य कार पर तो नहीं, उसके किराये के मकान की छत पर थी एक सन रूफ़,
सिर्फ़ सर और गर्दन ही नहीं, पूरा वजूद निकाल बैठता था वो परिवार सहित इतवार की गुनगुनी धूप सेकने हर सर्दियाँ।
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