Sunday, November 6, 2016

धूप

उसकी
अदृश्य
कार पर तो नहीं,
उसके
किराये के मकान
की छत पर थी
एक
सन रूफ़,

सिर्फ़
सर और गर्दन ही नहीं,
पूरा वजूद
निकाल
बैठता था वो
परिवार सहित
इतवार की गुनगुनी धूप सेकने
हर सर्दियाँ।

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