Sunday, November 6, 2016

हिसाब

मॉलिक्यूल मॉलिक्यूल का
हिसाब देखा
क़िस्मत की उंगलियों वाले
ईश्वर के हाथों में,

हैरानगी से देखता हूँ
वो चावल
वो दाल के दाने
जो पहुँचे हैं मेरी थाल में
लंगर की पंक्ति में!

No comments:

Post a Comment