साँसों की तितलियाँ
Wednesday, December 28, 2016
एक अक्षर
फड़फड़ाती
पताकाओं वाले "है" से
इति के स्तम्भ वाला "था"!
एक अक्षर से भी क्षीण निकली
तेरी वजूद की गाथा।
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