साँसों की तितलियाँ
Monday, February 20, 2017
भँवर
तुझे आँकूँगा
वक़्त गुज़र जाने के बाद,
अभी
फंसा है तू
अपनी ही भंवर में
तेरा वक़्त थमा है।
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