Monday, March 13, 2017

दूसरा किनारा

8 घण्टे दी नींद
जिवें 5 कु मिनटाँ च लै के
मैं फ़्री सी!
मौत नालों ए डीप स्लीप
अलेहदा
ख़ौरे किवें सी?

होवेगी
बेशक़
इक दे उस पार
कोई नवीं दुनिया,
दूसरे दे किनारे वी ताँ
इक अनदेखी सवेर सी!

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