क्या इत्तेफ़ाक़ है ये कि सचिवालय में आग लगी है जब कुछ ही दिन पहले एक ईमानदार सरकार गिरी है?
दमकलों से कहो कि भीगी राख़ समेटते आयें, स्याही की कालिख़ में आह दबी है!
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