Thursday, March 30, 2017

ख़बर

उड़ उड़ के
सरे आम
पहुँचे
गीत उसके
मुझ तक,
बीच में
किसी ने
न सुने,

नीले दाँत की
किसी को
कानों कान
ख़बर न हुई!

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