साँसों की तितलियाँ
Friday, March 24, 2017
गोत्र
आपकी
कविताओं के
गोत्र की ही हैं
शायद
रचनायें मेरी,
सीरत मिलती है
बहुत कुछ,
तेवर भी
पहचाने से हैं!
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