Friday, March 24, 2017

कौए

कौओं से
पुकारते तो हैं
हर गली
रास्ते की
ईमारत
खम्बे
दीवार से,

आगन्तुकों
अतिथियों के
मगर
सादर सूचक नहीं,
बाज़ारों के बन्धुआ हैं
ये इश्तहार
छोटे बड़े...

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