उप कुल पतियों की सति प्रथा पर हतप्रभ क्षुब्ध है आज के हर राममोहन की रूह, एक महाराजा की ताजपोशी के घटनाक्रम पर शर्मसार है लोकतन्त्र के मत का हर राजा।
No comments:
Post a Comment