भगदड़ मच जाती फैल जाती अफ़रा तफ़री, भागते इधर उधर सब लोग बचाने जान,
निकल आते तुरत रक्षा बल के सशस्त्र जवान संभालने मोर्चा मर मिटने को तैयार, गर न होता ये सायरन सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी का पाँच बजे वाला हूटर, एमरजेंसी का होता...
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