करते हैं जैसे चक्रवात का पीछा अमेरिका में दीवाने कुछ,
वैसे ही, यहाँ भी, देख लेना, भागेंगे पीछे खोये तूफ़ानों के, ज़ख़्मी परवाने, उम्मीद से पुकारती शम्मायें नासमझी की फुंकारों से जब जायेंगी बुझ।
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