Monday, June 26, 2017

गर्जना

बरसने आया था वो
जिसे हवाओं ने
खदेड़ दिया,

उसकी मजबूरी थी
उसकी गर्जना,
भयभीत सेहरा ने
न जाने क्या समझ लिया!

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