Sunday, June 18, 2017

प्यास

कहो तो
चुनवा दें
शहीदों को
जो बच आये हैं
हारी जंग से
आपकी,
इतने से भी
'गर
तमाशाई प्यास न बुझे आपकी
तो भटकाने
आपके भीतरी खोखलेपन से आप ही का ध्यान
बतायें मजबूर देश क्या करे...

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