चाय की गरम केतली से निकलती
भाप से लगे
हाँडी सी वादी में
उड़ते बादल,
भाप से लगे
हाँडी सी वादी में
उड़ते बादल,
थकी आँखों की भरी तश्तरी में
रूह के होंठों से भर चुस्की
अलसाए वजूद के जिस्म में
नई स्फूर्ति आई!
रूह के होंठों से भर चुस्की
अलसाए वजूद के जिस्म में
नई स्फूर्ति आई!
No comments:
Post a Comment