Tuesday, August 1, 2017

दरारें

देश की मिट्टी में
जहाँ जहाँ
जितनी भी
सूखी
छिपी
बेहिसाब
दरारें हैं,
रहते हैं
उनमें
सबसे ओझल
कितने देशवासी
जो किसी राशन कार्ड
आधार
पैन
फ़ैरिस्त
गिनती न आते हैं,

हैं वो
अगरचे
यहीं के बाशिंदे,
मगर
साँझे आसमाँ से बाहर
बिन पंखों के परिंदे...

No comments:

Post a Comment