Monday, January 30, 2017

कमाल

सूरज
चन्न
तारे
आसमान
ते क़ायनात
बणाणा किते असान सी?

फेर
तूँ
तेरे ख़्याल
तेरी अक्खाँ दे दृश्
किते छोटे सवाल सी?

तेरी
पिट्ठ तों
लाया सी
तेरी होंद दा भार,
इक रब्ब बणाया सी,

तूँ
अजे वी ऐं लोड़दा
आपणी पछाण!
तेरे वास्ते
सब सी कीता,
कोई छोटा कमाल सी!!!

Tuesday, January 24, 2017

हाल

पूछते हैं वो हाल
बताओ क्या बतायें!

काँटों में ग़ुलाब
कीचड़ में कमल की तरह,

मोहलत में वक़्त की
ज़िन्दगी चढ़ते शबाब पर है।

Saturday, January 21, 2017

समझदारियाँ

ख़ुश है
एक इंसां,
लिल्लाह!
रहने दे,

नादानियों की
बात ही क्या,
वो समझदारियाँ भी
रहने दे!